उसे तारों, ग्रहों और रॉकेट्स के बारे में पढ़ना बेहद रोमांचक लगता। स्कूल की साइंस फेयर में जब उसने अपने पहले वोल्टाज डिवाइडर सर्किट का मॉडल दिखाया — उसे कोई पुरस्कार नहीं मिला, लेकिन एक सरकारी स्कूल टीचर, मिसेज मल्होत्रा, उसकी प्रतिभा से चौंक गईं।
उसे तारों, ग्रहों और रॉकेट्स के बारे में पढ़ना बेहद रोमांचक लगता। स्कूल की साइंस फेयर में जब उसने अपने पहले वोल्टाज डिवाइडर सर्किट का मॉडल दिखाया — उसे कोई पुरस्कार नहीं मिला, लेकिन एक सरकारी स्कूल टीचर, मिसेज मल्होत्रा, उसकी प्रतिभा से चौंक गईं।