आरव की जादुई जंगल यात्रा || Jungle story

🌿🐾 आरव की जादुई जंगल यात्रा , learnkro.com 🌈🦁

प्रस्तावना: बहुत समय पहले की बात है। एक छोटा सा गांव था, जो पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ था। उस गांव में एक नन्हा और समझदार बच्चा रहता था, उसका नाम था आरव। उसे किताबें पढ़ना, जानवरों से दोस्ती करना और नई चीज़ें जानना बहुत पसंद था।

पर आरव को सबसे ज़्यादा एक चीज़ पसंद थी — जंगल की कहानियाँ। वह हमेशा अपनी दादी से जंगल के रहस्यों, जानवरों के राजा और रहस्यमयी गुफाओं की बातें सुनता और सपनों में उन्हीं कहानियों की दुनिया में चला जाता।

एक दिन, वही सपना… हकीकत बन गया।


🌲 अचानक जंगल में 🌲

एक शाम आरव जंगल की तरफ टहलने गया। पेड़ हरे-भरे थे, हवा में ठंडक थी और चिड़ियों की चहचहाहट गूंज रही थी। तभी एक चमकती हुई तितली उसके सामने आई – बहुत बड़ी और रंग-बिरंगी। वह तितली एक रास्ते की ओर उड़ने लगी और आरव, उसका पीछा करते-करते जंगल में बहुत अंदर चला गया।

तभी, कुछ चमक उठा। ज़मीन हिली। और आरव अचानक एक जादुई जंगल में पहुंच गया – जहाँ जानवर बातें करते थे, झीलें गाती थीं, और पेड़ कहानियाँ सुनाते थे!


🐻 नए दोस्त मिलते हैं 🐒

सबसे पहले उसकी मुलाक़ात हुई एक भालू से – नाम था बल्ली। बल्ली बड़ा मज़ाकिया था। वह शहद चुराता, पेड़ों पर नाचता और जंगल के हर कोने को जानता था।

फिर आई मिठ्ठू तोता, जो हर दिन नई कविता बोलता था।

इसके बाद आरव की दोस्त बनी जूही हिरणी, जो बहुत दयालु और समझदार थी। उसने आरव को जंगल के नियम सिखाए – जैसे किसी को डराना नहीं, खाना बाँटना, और सबसे बड़ा – कभी पेड़ों को नुक़सान मत पहुँचाना।


🐅 ख़तरा – शेर सम्राट दरकू 🦁

लेकिन हर जंगल में एक रहस्य होता है… एक डर भी।
उस जंगल का डर था – सम्राट दरकू, एक बड़ा और गुस्सैल शेर, जो खुद को जंगल का राजा कहता था।

कहा जाता था कि वह जंगल के सभी जानवरों पर राज करना चाहता था, और जो उसकी बात न माने – उन्हें वह जंगल से निकाल देता।

आरव ने देखा कि सारे जानवर डरे-डरे रहते थे। जंगल का असली जादू धीरे-धीरे ख़त्म हो रहा था।


💡 आरव की योजना 🧠

आरव ने तय किया – “मैं दरकू को बदलूंगा। डर से नहीं, प्यार और समझ से।”

बल्ली, मिठ्ठू और जूही ने आरव का साथ दिया। उन्होंने मिलकर एक योजना बनाई:

  • जंगल के हर जानवर को इकट्ठा किया,
  • एक बड़ा “जंगल उत्सव” मनाया, जहां हर कोई अपनी कला दिखा सके,
  • और दरकू को भी आमंत्रित किया।

उत्सव में बंदर ने नृत्य किया, तोता ने गाना गाया, भालू ने शहद के लड्डू बाँटे, और आरव ने एक कहानी सुनाई — एक राजा की कहानी जो डर की जगह दोस्ती से राज करता था।

दरकू चुपचाप सब देखता रहा। उसकी आँखें नम हो गईं।
“क्या मुझे भी दोस्त बना सकते हो?” उसने धीमे से पूछा।

“तुम हमेशा से हमारे राजा हो… बस अब हमारा दोस्त भी बनो,” आरव ने मुस्कुराते हुए कहा।


🌈 नया जंगल, नई शुरुआत 🌳

अब जंगल बदल गया था। दरकू अब जंगल का रक्षक राजा बन गया। जंगल में हंसी गूंजने लगी। पेड़ और झील फिर से गाने लगे।

आरव कुछ महीनों बाद अपने घर लौट आया – लेकिन जंगल उसके दिल में हमेशा बसा रहा।

उस दिन से, हर पूर्णिमा की रात, अगर आप ध्यान से सुनें…
तो आपको पेड़ों के बीच से एक छोटी सी हंसी सुनाई देगी — शायद आरव की, या उसके दोस्तों की।


🎓 सीख जो कहानी देती है

  • डर को दोस्ती से हराया जा सकता है।
  • अगर दिल साफ़ हो, तो सबसे गहरा जंगल भी घर बन सकता है।
  • और सबसे ज़रूरी — प्रकृति और जानवर हमारे साथी हैं, शत्रु नहीं।

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